जालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरो) : पंजाब सरकार के डायरेक्टर शिक्षा विभाग (कालेज) ने पंजाब के सरकारी व गैर-सरकारी कालेजो को पत्र लिख कर भलाई विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 तक आबंटित राशि जो की SC विद्यार्थियों में आबंटित नहीं की गई, ब्याज सहित लौटाने के निर्देश जारी किए है l
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक के आडिट के बावजूद Post matric Scholarship के अधीन शिक्षा प्राप्त SC विद्यार्थियों से कालेजों द्वारा वसूली गई फीसे अभी तक लौटाई नहीं गई l
इस संबंध में पंजाब सरकार द्वारा बार-बार सूचना जारी किए जाने के बावजूद प्राइवेट कालेजों द्वारा सरकारी दिशा-निर्देशों को नद़रअदांज करते हुए न तो SC विद्यार्थियों से वसूली गई फीस ही लौटाई गई और न हीं सरकार को इसका कोई हिसाब दिया गया l जहां तक की विद्यार्थियों की प्राथमिक डिग्रियां (10 वीं से 12वीं) तक भी original जमा कर ली गई l ताकि वह कालेज की लूट-वसूली के खिलाफ आवाज न उठा सकेl बावजूद इस मामलें को लेकर कई विद्यार्थियों ने धरना-प्रदर्शन तक किया जिसके बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया था की जो कालेज विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट, डिग्रीयां नहीं जारी करेगा उनके खिलाफ सरकारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के विरुद्ध FIR दर्ज की जाएगी l बता दे की विद्यार्थियों से किए वायदे केवल कोरे आश्वासन ही साबित हुए l
बता दे की पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2018 के आडिट के बाद पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप प्राईवेट कालेजों की कैपिंग (निर्धारित) फीस कालेजों के बैंक अकाउंट में जमा करवा दी गई थी l जिसके बावजूद भी कालेजों द्वारा 2016-17 तक SC विद्यार्थियों से जमा करवाई गई फीसे अभी तक वापिस नहीं लौटाई गई l
अव पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग (कालेज) ने मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य के कालेजो को एक पत्र जारी करके वर्ष 2016 -17 तक का हिसाब मांगा है व दलित छात्रो को अदा नहीं की गई राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए है l
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा इस लूट से छात्रो को बचाने के उद्देश्य से उनकी पूरी कैपिंग राशि सीधी उनके खातों में भेजी गई पर आरोप है की इसके बाद भी कालेजों द्वारा छात्रों से पूरी फीसे डरा-धमका कर वसूल ली गई l इसके विरुद्ध छात्र नेताओ के आवाज उठाने पर प्रशासन द्वारा कालेजों को वसूली गई फीसे लौटाने का आदेश भी जारी किया गया था, पर अभी तक मामला ज्यों का त्यों है l
खैर अब प्रश्न यह है की SC छात्रों को आर्थिक रुप में शोषित कर रहे कालेजों पर क्या नुकेल कसी जाएगी? क्या नकली बैलेंस शीटों से सरकार का पेट भर रहे प्राईवेट कालेजों पर कोई कार्रवाई होगी कभी? खैर मामला यह है की दलितों को मुफ्त शिक्षा के नाम पर करोड़ो रुपए के विज्ञापन जारी करने वाली सरकार आखिर कुछ प्राइवेट कालेजों के आगे इतने बेवस क्यो है? अगर प्राइवेट शिक्षण संस्थानों द्वारा इसी तरह धांधली होती है तो क्या इसकी जाँच सीबीआई द्वारा नहीं की जानी चाहिए?