जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब में पिछले कुछ महीनों से एक सोची समझी साजिश के तहत किसानों के नाम पर एक ऐसी शक्ति काम कर रही है, जो आम लोगों के लिए अपारदर्शी है l किसानों के नाम पर हर मामलें में जाम-प्रदर्शन ओर बंद से अब ब्लैकमेलिंग की बूदबू आने लगी है l एक मामला जो आजकल चर्चा में हैं, गायक गुरदासमान को लेकर हाईवे बंद!! क्यों?? क्या हाईवे से गायक गुरदासमान ही निकलते है.? नहीं.. बात सिर्फ़ और सिर्फ अपना आस्तित्व दिखाने की है l साफ पूछ रहा हूं की हिन्दू-सिक्खों के सांझे सांस्कृतिक त्यौहारों को खराब करने का आखिर मतलब क्या है? अगर हमारें गुरू के बारे में किसी गायक ने अमान्य कहा तो इसका दु:ख केवल किसानों को ही है.. या किसानी के नाम पर कुछ लोग आंतक की फसल बोअनें में जुटे है l जेलें भरने की बातो पर भी बता दू कि एेसे लोग भी शामिल हो गए है इस अंदोलन में जिनका गम्भीरता से पिछला रिकार्ड निकालने की जरुरत है l यह जो डेरा डाल कर हर नेता के आगमन पर बैठ जाते है, आखिर इनकी रोजी-रोटी का स्त्रोत क्या है?? कौन चला रहा इन किसानों को घर जो रोज धरणों के लिए फ्री है?? रोज पढ़े आखिर असली मुद्दा क्या था.? और अब किनके हाथों में है?
हम पूछेंगे सवाल इस अंदोलन को शुरु करने वालों से!!
हम पूछेंगे धरणों पर अन्य पर्व मनाने वालो से.. राखी कैसे मनाई गई धरणों के कारण भाईयो तक न पहुंच सकी बहनों से!!
हम पूछेंगे की अगर FIR गायक पर तो लाखों लोगों के श्रद्धेय बाबा मुराद शाह के विरुद्ध अपशब्दों का उपयोग करने वालों पर FIR क्यों नहीं..?
प्रशासन यदि इस बड़े खेल में शामिल नहीं तो कम से कम इन गिनती-चुनती के लोगों की पृष्ठभूमि तो चैक कर ही सकता है l आखिर यह कौन लोग है जो कहीं भी कभी भी बिना परिवार के खर्चो की परवाह किए तथाकथित इंकलाब पर उतारु है l
(क्रमश)