पंजाब के सांसद कल लेंगे शपथ, अमृतपाल का नाम भी है लिस्ट में
नई दिल्ली/जालंधर (हितेश सूरी) : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत 540 सांसदों को शपथ दिलाने से होगी। पंजाब के सांसदों को मंगलवार 25 जून को शपथ का समय दिया गया है, जिसमें जेल से चुनाव लड़ने और जीतने वाले अमृतपाल सिंह, फरीदकोट से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतने वाले सरबजीत सिंह खालसा समेत सभी 13 सांसदों के नाम हैं। गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह मार्च 2023 से एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं। एनएसए एक ऐसा कानून है जो सरकार को बिना किसी औपचारिक आरोप के 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह को अब एक साल से ज्यादा हो गया है और पंजाब सरकार ने NSA को दूसरी बार बढ़ा दिया है। ऐसे में स्पष्ट है कि संसद कार्यालय की तरफ से भेजे गए 25 जून के समय में अमृतपाल ना जेल से बाहर आ पाएगा और ना ही शपथ ले पाएगा।
अमृतपाल सिंह के वकील एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि संसद कार्यालय की तरफ से हर नए चुने गए सांसद को शपथ के लिए समय दिया जाता है। 25 जून को पंजाब के सभी सांसदों को समय दिया गया है। कार्यालय सभी सांसदों को फोन पर भी समय की जानकारी देता है, जो अमृतपाल सिंह की तरफ से दर्ज करवाए गए फोन नंबर भी जानकारी दी गयी है। लेकिन उन्हें जानकारी दे दी गई है कि अमृतपाल सिंह जेल में है। जिसके बाद अमृतपाल सिंह अभी जेल से शपथ के लिए नहीं आ पाएंगे। एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि अमृतपाल सिंह की बेल के लिए एप्लिकेशन डीसी कार्यालय और पंजाब सरकार के गृह विभाग के पास पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अब जब अमृतपाल सिंह के नाम के जब भी ऑर्डर निकलेंगे, उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल से बाहर लाकर सांसद ले जाया जाएगा, जहां उन्हें शपथ दिलाई जाएगी।
[highlight color=”red”]क्या कहता है भारत का संविधान ??[/highlight]
अमृतपाल को संविधानिक तौर पर सांसद बनने के लिए सबसे पहले शपथ लेना जरूरी है। चुनावी जीत का मतलब है कि जेल में रहने के बावजूद अब अमृतपाल के पास सांसद के रूप में संवैधानिक जनादेश है। बता दे कि शपथ लेने की अनुमति देना जमानत पर रिहा होने के समान नहीं है। यह एक दिन की विशेष पैरोल के समान है। संसद में हर कदम पर जेल में बंद सांसद को अलग-अलग जगहों से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, अगर वह संसद से गैरमौजूद रहना चाहते हैं तो उसके लिए भी स्पीकर को लिखना होगा। यह बहुत जरूरी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि यदि कोई सांसद बिना अनुमति के सभी बैठकों से 60 दिनों से अधिक समय तक गैरमौजूद रहता है, तो उसकी सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं संसद सत्र में भाग लेने या संसद में वोट डालने के लिए सांसद को अनुमति के लिए अदालत का रुख करना होगा। वहीं, अगर इस कार्यकाल के दौरान किसी भी मामले में उसे दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा।
[highlight color=”black”]अमृतपाल सिंह पर है 12 केस[/highlight]
वही अगर सरकार अमृतपाल सिंह पर NSA भी हटा भी देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के चक्कर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है, जिसमें पुलिस ने अमृतपाल से सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे।