
जालंधर (हितेश सूरी) : आम आदमी पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर गैरकानूनी शराब और ड्रग कारोबार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने जलंधर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, कैप्टन प्रदेश में माफिया शासन चला रहे हैं। अवैध कारखानों से लेकर खनन, परिवहन, अवैध शराब और ड्रग तस्करी तक कैप्टन खुद इसमें लिप्त हैं। मुख्यमंत्री खुद सारे माफियाओं के सरगना हैं। वरिष्ठ नेता चीमा ने कहा, एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी किसानों और कृषि को नष्ट कर रही है, वहीं दूसरी ओर कैप्टन सरकार पंजाब को माफियाओं के हवाले कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रहे सभी अवैध कारोबार को कैप्टन सरकार ने संरक्षण दिया हुआ है। अवैध व्यापार के कई मामलों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है, क्योंकि उसमें खुद उनके कई नेता और मंत्री शामिल हैं। वरिष्ठ नेता चीमा ने कैप्टन सरकार पर घोटाला का आरोप लगाते हुए कहा कि कैप्टन ने पहले पीएसीएल को सस्ते दाम में अपने लोगों के हाथों बेच दिया और अब उन्होंने पंजाब इंफोटेक को मात्र 95 करोड़ रुपये में बेच दिया। जबकि पंजाब इंफोटेक के 31 एकड़ की उस संपत्ति की वास्तविक कीमत 400 करोड़ है। उन्होंने पंजाब इंफोटेक के एमडी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने मूकदर्शक के रुप में काम किया जानबूझ कर कंपनी को कम कीमत मे बेचने की अनुमति दी। उन्होंने उद्दोग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने करीबियों के हाथों कंपनी को बेचने के लिए एक कंपनी बनायी और उस प्राइम लैंड को कीमत से आधी रकम पर ले लिया। वरिष्ठ नेता चीमा ने कैप्टन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उस क्षेत्र मे हरित पट्टी का सीमांकन किए बिना 150 से अधिक भूखंडो का नक्शा सार्वजनिक रुप से पंजाब इंफोटेक के साथ सार्वजनिक किया गया, जो कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों का उल्लंघन है। जल्दी जल्दी काम को पूरा करने के लिए बेरहमी पूर्वक नियमों और कानूनों को बदला जा रहा है पीएसआईईसी के पास हड़बड़ी में फाईलें भेजी जा रही है। कैप्टन सरकार के नीरीक्षण में भू-माफिया समूह इस संपत्ति को बेरोक-टोक बेच रहे है। आश्चर्य की बात है कि कैप्टन इस मामले में अभी तक चुप क्यों हैं? चीमा ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और घोटाले में शामिल मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा और उनके सहगोयियों को खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।