नाभा जेल में बंद बहुकरोड़ी भ्रष्टाचार घोटाले के आरोपी विधायक रमन अरोड़ा की बढ़ी मुश्किलें : जालंधर के वकील अभिषेक भारद्वाज ने मामले की जांच किसी सेन्ट्रल ऐजंंसी को सौपनें हेतु गर्वनर को लिखा पत्र – हाईकोर्ट में याचिका डालने की तैयारी

जालंधर (मीडिया रिपोर्ट्स) : विजीलैंस ब्यूरों द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए आप विधायक रमन अरोड़ा की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। गौरतलब है कि आरोपी रमन अरोड़ा का 4 दिन का रिमांड खत्म होने पर सोमवार को विजिलेंस ब्यूरों ने माननीय अदालत में उसे पेश किया। अदालत को बताया गया कि आरोपी से 9 दिन तक विजिलेंस ने पूछताछ की और अब रिमांड की जरूरत नहीं है, इसलिए माननीय अदालत ने आरोपी रमन अरोड़ा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब अगली पेशी 16 जून को होगी। पहले विजिलेंस ब्यूरों आरोपी रमन अरोड़ा को लेकर कपूरथला जेल पहुंच गई, लेकिन वहां कोई वीआईपी बैरक नहीं है, जिसके बाद विधायक को नाभा जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

नाभा जेल की नई बनी इमारत में वीआईपी बैरक है, जहाँ पर इसी तरह के हवालाती रखे जाते हैं। वही विजीलैंस ब्यूरो जालंधर रेंज की ओर से जालंधर के डीसी को लिखे गए एक औपचारिक पत्र में स्पष्ट कहा है कि रमन अरोड़ा के साथ-साथ उनकी बेटी, पत्नी, बहू, बेटा, समधी, भाई, दामाद, 3 पी.ए., दोस्त महेश मखीजा के नाम पर जिले के शहरी व देहाती क्षेत्रों में दर्ज प्लाट, दुकानें, मकान, प्लाट या किसी भी प्रकार की अचल संपत्ति का सम्पूर्ण ब्यौरा जल्द से जल्द विभाग को उपलब्ध करवाया जाए। उल्लेखनीय है कि विजिलेंस ब्यूरों ने महेश मखीजा की निशानदेही पर उनके चरणजीतपुरा स्थित घर से एक बैग में 29 लाख रुपए बरामद किए थे। मखीजा के दोस्त अरुण आनंद उर्फ नन्नी वासी चरणजीतपुरा ने विजिलेंस को 7 लाख रुपए सौंपे थे। अब तक केस में 36 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं।
गिरफ्तारी के डर से दुबई भागा विधायक रमन अरोड़ा का बेटा राजन अरोड़ा

वही राजन अरोड़ा और राजू मदान का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है कि वह कहां छुपे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक विधायक रमन अरोड़ा का बेटा राजन अरोड़ा दुबई भाग गया है। सूत्रों की मानें तो रमन अरोड़ा ने दुबई में भी मोटी इन्वेस्टमेंट कर रखी है जिसके कारण पिछले 2 सालों से राजन अरोड़ा और राजू मदान के दर्जन भर चक्कर दुबई के लग चुके है। केस दर्ज होने के बार विजीलैंस ने राजन अरोड़ा का एल.ओ.सी. जारी करवा दिया था जिससे शक है कि वह नेपाल के रास्ते से भाग गया है। विधायक रमन अरोड़ा की सिक्योरिटी वापस होने के बाद से ही राजन अरोड़ा ने कई तरह जुगाड़ लगाने शुरू कर दिए थे।
क्या हो सकती है विजिलेंस ब्यूरों की अगली कार्रवाई?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विजीलैंस ब्यूरों को इन संपत्तियों के संबंध में कोई ठोस सबूत हाथ लगता है तो न केवल रमन अरोड़ा की मुश्किलें और बढ़ेंगी, बल्कि उनके नाम पर या उनके करीबियों के नाम पर मौजूद संपत्तियां भी कुर्क की जा सकती हैं। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में विजीलैंस अब तेजी से आगे बढ़ रही है और यह पूरा मामला प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) तक भी पहुंच सकता है।

वही जालंधर के जाने मानें वकील अभिषेक भारद्वाज ने राज्य के गवर्नर को पत्र लिखकर इस मामले की C.B.I या फिर केंद्र सरकार की किसी भी क्राइम इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है और साथ ही आने वाले दिनों में माननीय हाईकोर्ट में वकील अभिषेक भारद्वाज इस मामले को लेकर रिट याचिका दायर कर सकते है। वही लोगों का भी यह कहना है कि इस भ्रष्टाचार मामले की बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
रमन अरोड़ा के चहेते पार्षदों व आप वर्करों में छाया डर का माहौल
जालंधर सेंट्रल हलके के अंतर्गत आते विधायक रमन अरोड़ा के चहेते पार्षदों व आप वर्करों के सपने में विजिलेंस आ रही है भाव गिरफ्तारी का डर सता रहा है। रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद किसी भी पार्षद व आप वर्कर ने उनके हक में आवाज नहीं उठाई है जबकि यह वही पार्षद व आप वर्कर हैं जो कि लोगों से अकसर यही कहा करते थे कि वह विधायक रमन अरोड़ा की ईमानदारी से प्रभावित होकर आप पार्टी के साथ जुड़े हैं। यह पार्षद व आप वर्कर हर समय विधायक रमन अरोड़ा के अंग-संग रहते थे। चहेते पार्षद व आप वर्कर अपने प्रोग्रामों में भी सिर्फ रमन अरोड़ा को ही चीफ गेस्ट बुलाया करते थे मगर इन पार्षदों व आप वर्करों ने रमन अरोड़ा के बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ना ही बेहतर समझा। वही कुछ चहेते पार्षदों व आप वर्करों को यह पता नहीं था कि उनका आका इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करता है।
विजिलेंस ब्यूरों ने इन 12 लोगों का मांगा रैवेन्यू रिकॉर्ड
विजीलैंस ब्यूरों ने जिन 12 लोगों का रैवेन्यू रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है, वह सभी रमन अरोड़ा के परिवार के सदस्य हैं या रमन के बेहद करीबी माने जाते हैं। इन सभी की जांच अब विजिलेंस विभाग की प्राथमिकता में है। पढ़ें व देखें पूरी सूची :-
- रमन अरोड़ा, पुत्र धर्मपाल अरोड़ा, निवासी मकान नंबर 51, अशोक नगर, जालंधर।
- राजन अरोड़ा, पुत्र रमन अरोड़ा, निवासी मकान नंबर 51, अशोक नगर, जालंधर।
- गीता अरोड़ा, पत्नी रमन अरोड़ा, निवासी मकान नंबर 51, अशोक नगर, जालंधर।
- राजू मदान, निवासी मकान नंबर डब्ल्यूएम-62, बस्ती गुजां, जालंधर।
- उर्ज मदान, पत्नी गौरव मदान, निवासी मकान नंबर डब्ल्यूएम-62, बस्ती गुजां, जालंधर।
- गौरव मदान, पुत्र राजू मदान, निवासी मकान नंबर डब्ल्यूएम-62, बस्ती गुजां, जालंधर।
- राज कुमार अरोड़ा, पुत्र धर्मपाल, निवासी मकान नंबर 51, अशोक नगर, जालंधर।
- विजय कुमार अरोड़ा, पुत्र धर्मपाल, निवासी मकान नंबर 51, अशोक नगर, जालंधर।
- रोहित कपूर, पुत्र कृष्ण चंद कपूर, निवासी मकान नंबर 177, कोट कृष्ण चंद, जालंधर।
- शिवम मदान उर्फ हीरा मदान, पुत्र नरिंदर कुमार मदान, निवासी मकान नंबर 17, लेन नंबर 1, हरबंसनगर, जालंधर।
- हनी भाटिया, पुत्र गुलशन भाटिया, निवासी मकान नंबर डब्ल्यूजी-494, वी-मार्ट स्ट्रीट, सूरतगंज, जालंधर।
- महेश मखीजा, निवासी मकान नंबर 240, चरणजीत पुरा, जालंधर।
विधायक रमन अरोड़ा ने अलग-अलग कार्यों के लिए रखे हुए थे पांच पीए
बताया जा रहा है कि विधायक रमन अरोड़ा ने अलग-अलग कार्यों के लिए पांच पीए रखे हुए थे, जिससे साफ़ है कि अरोड़ा पूरे शाही ठाठ-बाठ से सत्ता भोग रहे थे। हालाँकि विजिलेंस ने मामले में केवल 3 पीए नामज़द किये है।
- पीए रोहित कपूर वासी कोट किशन चंद पुलिस के साथ-साथ मीटिंग को लेकर इंतजाम करता था।
- पीए हनी भाटिया वासी सुराजगंज पेंशन, आधार कार्ड, विधवा पेंशन, आयुषमान कार्ड, सोशल मीडिया व ट्रस्ट देखता था।
- पीए शिवम मदान वासी हरबंस नगर विधायक के बेटे के साथ मिलकर निगम के हर तरह का काम देखता था।
- पीए आदित्य सोनी दफ्तर के हर तरह के कामकाज के साथ-साथ टूर के प्रोग्राम बनाता था।
- पीए सुभाष प्रभाकर वासी लाडोवाली रोड पार्टी का फाउंडर मेंबर है, वह दफ्तर का कामकाज देखता था।