पहली से आठवीं कक्षा तक की किताबें हुई महंगी, हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बढ़ाए दाम
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहली से 8वीं कक्षा तक की किताबों के दाम बढ़ा दिए हैं। किताबों का रेट कम नहीं बल्कि बहुत ज्यादा बढ़ाया दिया गया है। किताबें 50 से 100 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं। 60 रुपये में मिलने वाली किताबें 120 रुपये में मिलेंगी। कोरोना संकट के बीच किताबों के रेट के बढ़ने से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है।
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सबसे ज्यादा बढ़ोतरी छठी और सातवीं कक्षा की गणित की किताबों के दामों में की है। गत शैक्षणिक सत्र में 60 रुपये में मिलने वाली दोनों किताबें अब 100 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 120 रुपये में मिल रही हैं। आठवीं की गणित की किताब पहले 83 रुपये में मिलती थी, अब इसका रेट 110 रुपये हो गया है।
पहली और दूसरी कक्षा की अंग्रेजी, हिंदी और गणित की तीन पुस्तकों का रेट पहले 180 रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 210 रुपये कर दिया गया है। तीसरी, चौथी और पांचवीं की अंग्रेजी, हिंदी, गणित व पर्यावरण अध्ययन की पुस्तकों का मूल्य 240 रुपये (प्रति पुस्तक मूल्य 60 रुपये) था। इस बार तीसरी कक्षा की गणित की किताब 90 और पर्यावरण की 80 रुपये होने से चार किताबें 305 रुपये में मिल रही हैं।
चौथी कक्षा की अंग्रेजी की किताब 90, पर्यावरण अध्ययन 95 और चार किताबें 335 रुपये में मिल रही हैं। पांचवीं की अंग्रेजी की किताब 90, पर्यावरण अध्ययन 95 रुपये और चार किताबें 360 रुपये में मिल रही हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी का कहना है कि कुछ किताबों के मूल्य 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाए गए हैं।