AMRITSARBARNALABATHINDABREAKINGCHANDIGARHCRIMEDOABAFARIDKOTFATEHGARH SAHIBFAZILKAFIROZPURGURDASPURHOSHIARPURJALANDHARKAPURTHALALUDHIANAMAJHAMALERKOTLAMALWAMANSAMOGAMOHALIMUKTSARNATIONALNAWANSHAHRPATHANKOTPATIALAPHAGWARAPOLITICSPUNJABROPARSANGRURTARN TARAN

CM मान के साथ लम्बी तनातनी के बाद आखिरकार पंजाब गर्वनर BL पुरोहित का इस्तीफा :चंडीगढ़ प्रशासक का पद भी छोड़ा; अमित शाह के साथ मुलाकात के अगले दिन दिया इस्तीफा, पढे पंजाब सरकार के साथ 7 बड़े विवाद

जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से शनिवार (3 फरवरी) को इस्तीफा दे दिया। BL पुरोहित ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेज दिया। उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताए हैं।भाजपा से लंबे समय से जुड़े रहे पुरोहित को 21 अगस्त 2021 को पंजाब का गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक सितंबर 2021 को अपना पद संभाला। वह 2 साल 5 महीने 2 दिन पंजाब के राज्यपाल रहे। इससे पहले वह वर्ष 2017 से 2021 तक तमिलनाडु और वर्ष 2016 से 2017 तक असम के गवर्नर रहे।पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल 1940 को राजस्थान के नवलगढ़ में हुआ था।

बनवारी लाल पुरोहित ने राष्ट्रपति को भेजे 3 लाइन के इस्तीफे में लिखा “मैं व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के चलते पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक पद से अपना इस्तीफा देता हूं। कृपया इसे स्वीकार कर मुझे उपकृत करें।”

बनवारी लाल पुरोहित ने 2 फरवरी को ही दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के अगले ही दिन पुरोहित ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया। बनवारी लाल पुरोहित ने 2 फरवरी को ही दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के अगले ही दिन पुरोहित ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया। बनवारी लाल पुरोहित जब पंजाब के गवर्नर बने, तब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार थी। बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया तो कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव हुए। आम आदमी पार्टी (AAP) ने रिकॉर्ड बहुमत के साथ जीत दर्ज की। उस दौरान बनवारी लाल पुरोहित ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई।
बनवारी लाल पुरोहित अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ तनातनी को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं।

अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा विवादों में रहे पूर्व राज्यपाल, पढ़े मुख्य विवाद

  • चंडीगढ़ में अक्टूबर 2022 में आयोजित एयरफोर्स डे के दिन से शुरू हुई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भी मौजूद थीं। भगवंत मान के कार्यक्रम में न आने पर गवर्नर भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि ये उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी थी। इसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया।
  • 19-20 जून 2022 को बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन में पंजाब सरकार ने 4 बिल पास कर मंजूरी के लिए गवर्नर को भेजे थे। इनमें द सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल, पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल और पंजाब एफिलिएटेड कॉलेज (सेवाओं की सुरक्षा) संशोधन बिल शामिल थे। गवर्नर ने एक्सपर्ट की राय पर इन चारों बिलों और स्पेशल सेशन को गैरकानूनी ठहरा दिया। इसके बाद पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद माना कि राज्यपाल एक अनिर्वाचित राज्य प्रमुख है और उसके पास विधायिकाओं की कानून बनाने की शक्तियों को रोकने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने स्पेशल सेशन को वैध ठहराया था।
  • गवर्नर रहते हुए बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब के बॉर्डर जिलों का दौरे करते हुए लोगों से बातचीत में ड्रग को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गवर्नर ने यह तक कह दिया कि बॉर्डर बेल्ट में किराना दुकानों पर भी सरेआम ड्रग बिक रहा है।
  • साल 2023 में पंजाब सीएम भगवंत मान से विवाद के बीच बनवारी लाल पुरोहित ने कहा था कि वह पंजाब सरकार का हेलिकॉप्टर प्रयोग नहीं करेंगे। पहले भी उन्होंने तीन-चार बार ही हेलिकॉप्टर प्रयोग किया है वह भी बार्डर पर जाने के लिए। हेलिकॉप्टर पर सिर्फ मुख्यमंत्री का ही अधिकार नहीं है। वह अकेले हेलिकॉप्टर में नहीं गए थे। उनके साथ पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी भी साथ में गए थे। अब उन्होंने तय कर लिया है कि वह सरकारी हेलिकॉप्टर का प्रयोग नहीं करेंगे।
  • बनवारी लाल पुरोहित ने सरकारी टीचरों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने के मामले में सरकार से जवाब-तलबी की तो मुख्यमंत्री ने कह दिया कि वह 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, न की किसी सेलेक्टेड शख्स के प्रति।
  • 5 महीने पर पुरोहित ने पंजाब में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्‌ठी लिखकर कहा था कि राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि यदि उन्होंने गवर्नर हाउस के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर ने 4 पेज का ये लेटर भगवंत मान को 15 अगस्त को लिखा था।
  • पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह चहल को राज्य में वापस भेजने को लेकर पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच टकराव का बढ़ना, आप सरकार के सत्ता संभालने के बाद से हुई ऐसी ही घटनाओं की याद दिलाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!