जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी की जमानत याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई होगी। एक दिन पहले ही पुलिस को जालंधर सेशन कोर्ट से हैप्पी और उसके साथी का दो दिन का रिमांड मिला था।पुलिस ने कोर्ट से दस दिन के रिमांड की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने पुलिस की दलीलों को दरकिनार कर दिया था, जिसके चलते सिर्फ दो दिन का रिमांड मंजूर किया गया था।कोर्ट आज हैप्पी की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। इसको लेकर फिल्लौर पुलिस ने जालंधर सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिसमें रिमांड मांगा गया था।बता दे की खडूर साहिब हल्के से नवनिर्वाचित खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत हैप्पी को फिल्लौर पुलिस ने उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के चलते पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन अर्जी दाखिल की है। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग्स खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। एक दिन पहले भी पुलिस ने हरप्रीत सिंह को कोर्ट में पेश किया था। जहां से दो दिन का रिमांड मिला था। एक दिन पहले भी पुलिस ने हरप्रीत सिंह को कोर्ट में पेश किया था। जहां से दो दिन का रिमांड मिला था। जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपने क्रेटा गाड़ी में सवार होकर लुधियाना के हैबोवाल के रहने वाले संदीप से 10 हजार रुपए की आइस ड्रग लेकर आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ा लिया था। इस पर एसएसपी अंकुल गुप्ता ने कहा था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे वाली सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग्स लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी।दूसरी तरफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह व उसके पिता तरसेम सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में झूठा केस दर्ज किया है। । 2-4 ग्राम ड्रग्स के लिए झूठा केस बना दिया गया है। खालिस्तान समर्थक व अजनाला थाना कांड का आरोपी अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहता था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।
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