वैक्सीन पर मुहर : पंजाब पुलिस पर सर्वे में आया सामने ; वैक्सीन की एक डोज लगवाने पर 92% और दोनों डोज लगवाने पर 98% मौत का खतरा कम

जालंधर (हितेश सूरी) :हाई रिस्क में होने के कारण पंजाब के पुलिस मुलाजिमों पर किए गए एक सर्वे में सामने आया है की वैक्सीन की दोनों डोज लेने पर कोरोना से मौत का खतरा 98 फीसदी तक कम हो जाता है। SHRC, स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के कार्यकारी निदेशक डाॅ. राजेश कुमार द्वारा पुलिस मुलाजिमों पर किए गए सर्वे में इसकी पुष्टि हुई है। सर्वे में पाया गया कि 4868 पुलिस मुलाजिमों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। कोरोना संक्रमित होने पर इनमें से 15 यानी प्रति हजार में 3.08 की जान चली गई। इसी तरह 35856 पुलिस मुलाजिमों ने एक डोज लगवाई थी। संक्रमित होने पर 9 मुलाजिमों यानी प्रति हजार में 0.25 की जान गई। 42720 पुलिस मुलाजिमों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई थीं। इनमें से सिर्फ 2 मुलाजिमों यानी 0.05 फीसदी की मौत हुई।
इससे साबित होता है कि वैक्सीन की एक डोज लगवाने पर कोरोना से मौत के मामले में 92% सुरक्षा और दोनों डोज लगवाने पर 98% सुरक्षा मिलती है। यही नहीं, इम्यूनिटी बढ़ने से अन्य रोगों से भी बचाव होता है। वैक्सीन के असुरक्षित होने की भ्रांतियों पर स्पष्ट किया गया है कि टीके के बाद हल्का बुखार हो सकता है पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मौत के खिलाफ वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर केंद्र सरकार 21 जुलाई से वैक्सीनेशन में तेजी लाने जा रही है। ऐसे में देश के कई और चिकित्सा संस्थान और कार्पोरेट, कोरोना वैक्सीन कितनी कारगर है, इस पर रिसर्च में जुटे हैं। सीएमसी वेल्लोर की रिसर्च में भी पंजाब के सर्वे जैसे नतीजे मिले हैं। सर्वे बताता है कि टीकाकरण की पहली डोज से ही लोग संक्रमण से सुरक्षित होने लगते हैं। दूसरी डोज से इम्यूनिटी और ज्यादा मजबूत होती है और बॉडी वायरस के खिलाफ लड़ने में पूरी तरह सक्षम हो जाती है। केंद्र सरकार का मानना है कि देशभर में सौ फीसदी वैक्सीनेशन कर बड़ी संख्या में आबादी को कोरोना से बचाया जा सकेगा। तीसरी लहर से बचाव के रूप में भी वैक्सीनेशन को सबसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।