AMERICAINTERNATIONALPOLITICS

ट्रंप की जीत से फिलिस्तान और लेबनान में बढ़ा खौफ, लोग बोले- ‘ अमेरिका पर बिल्कुल भरोसा नहीं

इंटरनेशनल डेस्क (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरो ) : अगले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस को हराकर एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वापसी की है। 20 जनवरी 2025 को ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। जहां ट्रंप के समर्थक उत्साहित हैं, वहीं फिलिस्तीन और लेबनान में कई लोग उनकी जीत को लेकर खौफ में और चिंतित हैं। गाज़ा में रहने वाले 87 वर्षीय अबू अली ने अपनी चिंताओं को अल जज़ीरा के साथ साझा करते हुए कहा, “मुझे अमेरिका पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। ट्रंप के शासन में मुझे उम्मीद है कि जंग और ज्यादा बिगड़ जाएगी।” उन्होंने ट्रंप के शासन को एक अंधेरे भविष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह हो सकता है कि वे हमें इज़राइल से जिंदा छुड़वा दें और कहीं और भेज दें।अबू अली ने कहा कि कोई भी अमेरिकी नेतृत्व केवल फिलिस्तीनी लोगों के रहम-ओ-करम पर निर्भर करता है। उनका मानना है कि इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच का संघर्ष सिर्फ एक लड़ाई नहीं है बल्कि इज़राइल का एक नरसंहार है। लेबनान में भी लोग ट्रंप की जीत को लेकर चिंता में हैं। वहाँ के नागरिकों का मानना है कि ट्रंप इज़राइल के समर्थन में रहेंगे। लेबनान की राजनीतिक संरचना विभिन्न धार्मिक समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें राष्ट्रपति ईसाई, प्रधानमंत्री सुन्नी मुस्लिम और संसद के स्पीकर शिया मुस्लिम हैं। इस स्थिति के कारण, प्रत्येक समुदाय की ताकत का बंटवारा होता है।अली सलीम, एक लेबनानी नागरिक, ने अल जज़ीरा को बताया, “जब ट्रंप अध्यक्ष बनेंगे, तो जंग जारी रहेगी। वे शांति वार्ता का प्रस्ताव ला सकते हैं, लेकिन यह इज़राइल के पक्ष में होगा, न कि लेबनान या हिज़्बुल्लाह के लिए।” उन्होंने कहा कि ट्रंप एक विकल्प पेश करेंगे, “क्या आप युद्ध खत्म करना चाहते हैं या नहीं?” यदि लेबनान वाले इसे अस्वीकार करते हैं, तो युद्ध का जारी रहना तय है। हाल ही में, इज़राइल ने दक्षिणी लेबनान और बेका घाटी में अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं, जिससे कई नागरिकों के घर बर्बाद हो गए हैं और स्थायी विस्थापन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में, ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने से क्षेत्र में हालात और बिगड़ने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। यह स्थिति एक बार फिर क्षेत्र में संघर्ष और अस्थिरता की ओर इशारा करती है, जिससे फिलिस्तीनी और लेबनानी नागरिकों के मन में डोनाल्ड ट्रंप को लेकर गहरी चिंता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!