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विपक्ष बना रहा अन्नदाता को मुद्दा : वरिष्ठ भाजपा नेता आशीष सोनी

जालंधर (धीरज अरोड़ा) : केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के आस-पास सीमाई क्षेत्रों में आंदोलन कर रहे है। इस सम्बन्ध में अपने विचार प्रगट करते हुए बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ भाजपा पंजाब अध्यक्ष (आईटी सोशल मीडिया और राजनीतिक नीतियां) श्री आशीष सोनी ने कहा कि इस समय देश का किसान सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है । वह किसान जिसका सम्मान होना चाहिए उसे मुद्दा बना दिया गया है । और इन किसानों को मुद्दा बनाया विपक्ष ने । आए दिन विपक्ष सरकार पर यह आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार ने किसानों का हक़ छीना है। वरिष्ठ नेता आशीष सोनी ने इस बारे अधिक जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग ऐसा सोचते हैं उन्हें ये ज्ञात भी है कि किसान आखिर है कौन ? किसान सबसे बड़ा देशभक्त है । ये धरती उसकी है, ये मिट्टी उसकी है । किसी के अपने घर से कोई उसका अधिकार भला कैसे छीन सकता है ? सीमा पर लड़ रहे सेना के जवान भी बिना अन्न के वहां डटे नहीं रह सकते और यह अन्न हमें मिलता है किसानों की जी तोड़ मेहनत के बाद । वरिष्ठ नेता आशीष सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार यह बात अच्छे से समझती है और हमेशा से ही किसानों का सम्मान करती आ रही है । ऐसे में भला सरकार कैसे इनके अहित में कोई कदम उठा सकती है ? वो किसान जो सम्मानीय है, पूजनीय है उसे निजी स्वार्थ के लिए आज मुद्दा बना कर सड़कों पर बिठा दिया गया है और इनके कंधे पर बंदूक रख कर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है । किसान अपनी मिट्टी और फसलों को लेकर बहुत भावुक होते हैं और उनकी इसी भावुकता का फायदा विपक्ष उठा रही है । सरकार की नीतियों की सही जानकारी जनता तक ना पहुंच पाना ही जनता और सरकार के बीच गलतफहमी पैदा करता है । विपक्ष ने हमेशा जनता और सरकार के बीच ऐसी ही गलतफहमियाँ पैदा की हैं । इस बात को समझने के लिए कुछ बिंदुओं पर ध्यान देना अति आवश्यक है । वरिष्ठ नेता आशीष सोनी ने कहा कि देश की हर राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि राज्य की जनता को केंद्र सरकार की हर नीति और योजनाओं के बारे में सही जानकारी दे सके , जिससे जनता को किसी प्रकार की कोई कठिनाई ना आये। लेकिन पंजाब में ऐसा कुछ नहीं हुआ । यहां जनता कृषि बिल के बारे में सही से जान पाती उससे पहले ही इसे वापस लेने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार हो हल्ला मचाने लगी । किसी भी मसले को आपसी बातचीत से उलझने से बहुत पहले ही सुलझाया जा सकता है लेकिन पंजाब सरकार ने ऐसा नहीं किया । पंजाब सरकार ने किसानों के विरोध का समर्थन किया । बदले में किसानों ने टोल प्लाजों से लेकर रेल ट्रैक तक जाम कर दिए । ऐसे में पंजाब सरकार को खुद का ही नुकसान तब दिखने लगा जब मालगाड़ियों के न चलने से कोयले की आपूर्ति बाधित होने लगी । इससे राज्य में चल रहे थर्मल प्लांट बंद होने तक की नौबत आने लगी, कई कारखानों को भी इससे नुकसान होने लगा ।  श्री सोनी ने कहा कि जब पंजाब सरकार को अपना नुकसान दिखने लगा तब उसने किसान संगठनों के साथ बैठकें कर के मालगाड़ियां चलाने की इजाजत मांग ली । इसी तरह कैप्टन सरकार किसानों के बीच केंद्र की छवि खराब करते हुए उन्हें पंजाब से निकाल कर दिल्ली की तरफ रवाना कर दिया । इससे हरियाणा सरकार तथा दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं और पंजाब सरकार ने अपना माथा हल्का कर लिया । असल बात ये है कि किसानों को इस बिल के बारे में समझने का मौका ही नहीं दिया गया । जिस तरह सीएए तथा एन आर सी बिल को जाने बगैर इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करवा दिया गया था उसी तरह किसानों को भी गुमराह कर के एक नए आंदोलन की नींव रखी गई है । यह बीजेपी की ही सरकार है जिसने किसान निधि सम्मान योजना शुरू कर हर साल किसान भाइयों के बैंक खाते में 6000 रुपये डालने शुरू किए। बीजेपी को सत्ता थाली में सजा कर नहीं मिली बल्कि ये ज़मीन से जुड़ी पार्टी है। इसने सालों तक संघर्ष किया है इसीलिए ये पार्टी ज़मीन से जुड़े व संघर्ष करने वाले लोगों की दुख तकलीफें समझती है । श्री सोनी ने कहा कि सरकार को पता है कि किसान के पास फसल बोने से लेकर उसके कटने तक कमाई का कोई दूसरा जरिया नहीं होता इसीलिए सरकार द्वारा ऐसी योजना चलाई गई है कि किसान इन पैसों से अपना खर्च चला सके । यह बीजेपी सरकार ही है जिसने किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ग्रामीण भंडारण योजना आदि जैसी योजनाएं शुरू की । ऐसी सरकार भला किसानों का अहित कैसे सोच सकती है ? कुछ अच्छा करने के लिए हमेशा कुछ अलग करना पड़ता है और अलग को समझा जाता है ना कि उसका विरोध किया जाता है । केंद्र सरकार का किसानों से यह वादा है कि 2022 तक किसानों की आमदन दोगुनी होगी । इसके लिए कुछ तो अलग करना पड़ेगा । यह बिल भविष्य में किसानों के लिए कारगर साबित होगा लेकिन उसके लिए पहले किसानों को अच्छे से ये समझने की जरूरत है कि ये बिल है क्या । श्री सोनी ने कहा कि किसान भाई किसी तरह के बहकावे में बिल्कुल ना आएं । देश की सरकार अन्नदाताओं का अहित कभी नहीं चाह सकती ।

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