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साज़िश के शिकार तो नहीं हुए डॉ बलराज गुप्ता ?

जालंधर (हितेश सूरी) : महानगर में आजकल मशहूर रतन अस्पताल में एक अनामी डिटेक्टिव एजेंसी की टीम द्वारा स्टिंग के नाम पर किया गया भ्रूण निरिक्षण ऑपरेशन चर्चा में है। मामले में दिलचस्पी रखने वाले जानकारों का कहना है कि स्टिंग आपरेशन के नाम पर हुआ यह खेल कहीं अस्पताल के डॉ बलराज गुप्ता के खिलाफ उनके विरोधियो की कोई साज़िश या फिर ब्लैकमेलिंग की कोशिश तो नहीं ? न्यूज़ लिंकर्स के संवादाता ने इस चर्चित मामले के बढ़ते पक्ष-विपक्ष के विवाद को देखते हुए जब नैतिक व कानूनी मूल्यों पर इस संगीन आरोपों की जांच की तो , जांच में कई ऐसे सवाल खड़े हो गए हैं जिनका जवाब मिलना अनिवार्य है। ऑपरेशन के वक्त की कुछ परिस्थितियां ऐसी रही हैं जिनसे सारा मामला ही बदलता प्रतीत हो रहा है। मीडिया के नाम पर केवल कुछेक न्यूज़ वैब पोर्टल का ही इस सारी घटना के समय मौजूद रहना भी इस मामले में संदेह पैदा कर रहा है । यदि तथाकथित डिटेक्टिव एजेंसी ने यह स्टिंग निष्पक्ष तौर पर करना था, तो शहर में चल रहे प्रतिष्ठ समाचारपत्रों , विभागों व वैब पोर्टलों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गयी। मामले की सन्धिगतता इस बात से भी सामने आती है कि इस से पहले कभी भी इस तरह के आरोप डॉ बलराज गुप्ता पर नही लगे इस लिए यह मामला एकदम स्तब्ध करने वाला है। डॉक्टर बलराज गुप्ता एक डाक्टर होने के साथ-साथ समाज सेवक के रूप में भी जाने जाते हैं तथा कई धार्मिक एवं समाज सेवी संस्थाओं से जुड़ कर सेवा करते आ रहे हैं । सबसे बड़ी बात जो सामने आयी है वो यह है के अभी तक स्वास्थ्य विभाग तथा डिटेक्टिव एजेंसी की ओर से मीडीया को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई है के कथित स्टिंग ऑपरेशन में डाक्टर बलराज के खिलाफ क्या सबूत है ।
यह प्रश्न मीडीया की ओर से बार-बार पूछा जा रहा है के क्या डाक्टर बलराज गुप्ता के साथ किसी की डील हुई, और क्या उस की कोई वीडियो या आडियो रिकॉर्डिंग है ? क्या स्कैनिंग मशीन में किसी प्रकार की स्कैनिंग रिकॉर्ड है ? डाक्टर पर जो 25000 रुपये लेने का आरोप लगाया जा रहा है, क्या उन नोटों के नम्बर स्टिंग से पहले किसी सरकारी एजेंसी के पास दर्ज कराए गए और क्या वह रुपये डाक्टर से बरामद हुए ? जिस वक्त स्टिंग ऑपरेशन या रेड हुई, क्या इस वक्त वहां मरीज़ अथवा उनके साथ आये लोग हस्प्ताल में मौजूद थे, अगर हाँ तो क्या उन में से किसी के बयान दर्ज किए गए ? वास्तविकता तो सम्पूर्ण इन्वेस्टीगेशन कम्प्लीट होने पर ही सामने आएगी, लेकिन फिलहाल यह मामला सन्दिग्ध होता जा रहा है तथा ऐसा प्रतीत होता है के यह सब कुछ रंजिशन डाक्टर बलराज गुप्ता को फंसाने के लिए किया जा रहा है ।

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