AMRITSARBARNALABATHINDABREAKINGCHANDIGARHDOABAFARIDKOTFATEHGARH SAHIBFAZILKAFIROZPURGURDASPURHOSHIARPURINTERNATIONALJALANDHARKAPURTHALALUDHIANAMAJHAMALERKOTLAMALWAMANSAMOGAMOHALIMUKTSARNATIONALNAWANSHAHRPATHANKOTPATIALAPHAGWARAPOLITICSPUNJABRELIGIOUSROPARSANGRURTARN TARANUTTAR PRADESH

♦श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह : अयोध्या में विराजमान हुए श्री राम लला, पीएम मोदी ने प्रभु श्री राम से मांगी माफ़ी ; पीएम मोदी, मोहन भागवत, योगी आदित्य नाथ व अन्य ने किया संबोधन, यह अतिथि हुए समारोह में शामिल
♦पढ़ें श्री राम प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर न्यूज़ लिंकर्स की विशेष रिपोर्ट

अयोध्या/जालंधर (हितेश सूरी) : अयोध्या के श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने आरती के साथ पूजा पूरी की है और उनके साथ गर्भगृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी पहुंचे और उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लेकर आचमन और पवित्रीकरण किया। इसके बाद पूजा शुरू हुई।फिर पीएम मोदी ने अपने हाथ से कुशा और शलाका खींचा। मन्त्र उच्चारण के साथ श्री रामलला के चरणों में जल छोड़ा, फिर अक्षत और पुष्प चढ़ाए। इसके बाद नैवेद्य लगाकर आरती के साथ पूजा पूरी की। इसके बाद रामलला को साष्टांग प्रणाम किया और संतों का आशीर्वाद लिया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंडप में वसोधारा पूजन होगा। ऋग्वेद और शुक्ल यजुर्वेद की शाखाओं का होम और परायण होगा। इसके बाद शाम को पूर्णाहुति होगी और देवताओं का विसर्जन किया जाएगा। आज रामलला को पीतांबर पहनाया है। उनके टीके में हीरे और माणिक जड़े हुए हैं। सोने और चांदी से उनका श्रंगार किया हुआ है। सोने के धनुष-बाण और हीरे वाले कंगन पहनाए हुए हैं। सुबह मंत्रोच्चार के साथ रामलला को जगाया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ मंगलाचरण हुआ। 10 बजे से शंख समेत 50 से ज्यादा वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हुआ। दोपहर 12:29 बजे प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई। 84 सेकेंड में ही मूर्ति में प्राण स्थापना हो गई। इससे पहले 7 दिनों में अयोध्या नगरी कुल साढ़े 5 लाख मंत्रों से गूंज उठी। इस महोत्सव में होने वाली वैदिक क्रियाएं और शुभ संस्कार 16 तारीख से शुरू हो गए थे। काशी के 121 वैदिक-कर्मकांडी ब्राह्मणों ने इन मंत्रों का सिलसिलेवार ढंग से धाराप्रवाह वाचन किया। पहले दिन प्रायश्चित्त होम यानी पवित्रीकरण की क्रिया हुई। इसके बाद कलश पूजन और मूर्ति की शोभायात्रा हुई फिर मूर्ति का परिसर में प्रवेश हुआ।जलयात्रा और तीर्थ पूजा हुई और अधिवास हुए। मूर्ति की पवित्रता और शक्ति बढ़ाने के लिए मूर्ति को जल, घी, औषधि, केसर, शहद, फल, अनाज और सुगंधित चीजों में रखा गया। इसे अधिवास कहते हैं। इसके बाद श्रीरामलला को 20 जनवरी को स्थापित किया। पीएम मोदी बतौर मुख्य यजमान हल्के पीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर 12 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे। उनके हाथ में एक थाल थी, जिसमें श्रीरामलला का चांदी का छत्र था। प्रधानमंत्री ने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया। मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए।

इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया। उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के भी पैर छुए। PM ने अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा। प्रधानमंत्री ने श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन के अनुष्ठान के दौरान उपवास, जप और गाय की पूजा की। इस दौरान पीएम मोदी ने रामायण से जुड़े 4 राज्यों के 7 मंदिरों में दर्शन-पूजन भी किए। वैदिक आचार्य सुनील शास्त्री की अगुवाई में 121 प्रकांड विद्वानो ने संजीवनी योग में मंत्रोच्चार के बीच प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूर्ण कराया। अभिजीत मुहुर्त में दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से 84 सेकेंड के अंतराल में श्याम वर्ण भगवान के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ।इसके बाद पीएम मोदी ने ही रामलला के आंख से पट्टी खोली और हाथ में कमल का फूल लेकर पूजन किया। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है। इसके साथ आसमान से हेलीकाप्टर के जरिये मंदिर प्रांगढ में पुष्प वर्षा की गयी। भव्य मंदिर में समारोह के लिए 8,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया। भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बचपन के स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पाँच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआँ (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है। मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है। मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है। मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है।

[highlight color=”orange”]पीएम मोदी ने प्रभु श्री राम से मांगी माफ़ी, कहा हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल यह काम नहीं कर पाए[/highlight]

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी

प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी से 11 दिन के उपवास पर थे। वह 11 दिन तक फर्श पर सोए और सिर्फ नारियल पानी पीकर, फल खाकर रहे। प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के सम्बोधन से पहले श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव ने भगवान राम का चरणामृत पीलाकर उनका व्रत खुलवाया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने अपने सम्बोधन में देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि कुछ तो कमी थी जो मंदिर बनने में सदियां लग गईं। उन्होंने कहा कि यह राम मंदिर भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल, तारीख की चर्चा करेंगे और प्रभु श्री राम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं पावन अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं प्रभु राम से क्षमा याचना भी करता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल ये काम नहीं कर पाए लेकिन आज यह कमी पूरी हुई। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली तथा मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि जिन्होंने लाज रख ली। उन्होंने कहा कि आज गांव-गांव में कीर्तन-संकीर्तन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश दीपावली बना रहा है ओर आज शाम घर-घर राम ज्योत जलेगी। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि अनुष्ठान के दौरान सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को जिया है, हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आज के इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनकी वजह से शुभ दिन देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम उन अनगिनत कारसेवकों, संत-महात्माओं के ऋणी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया तो मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। उन्होंने कहा कि हम जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि श्री राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी लेकिन श्री राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

[highlight color=”orange”]श्री रामलला के साथ लौटा है भारत का स्वाभिमान : मोहन भागवत [/highlight]

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत

समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अपने सम्बोधन कहा कि पीएम मोदी ने इस शुभ अवसर के लिए कठोर उपवास किया है। उन्होंने कहा कि आज राम लला अयोध्‍या फिर वापस आ रहे है और आज पूरा देश भाव विभोर है। श्री भागवत ने कहा कि अयोध्या में कोई कलह नहीं है। उन्होंने कहा कि रामराज आने वाला है और अब छोटे-छोटे विवादों को पीछे छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने को संयम रखना होगा। उन्होंने कहा कि श्री रामलला के साथ भारत का स्वाभिमान लौटा है। श्री मोहन भागवत ने आगे कहा कि भगवान राम ही ब्रह्म सत्य है, रामलला तो आ गए, अब रामराज लाने की जिम्मेदारी रामभक्तों की है। उन्होंने कहा कि रामलला के साथ भारत का स्वाभिमान लौटकर आया है, संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला भारत बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें पुराने समय से जानता हूं कि पीएम मोदी तपस्वी है। श्री मोहन भागवत ने पूछा कि रामलला बाहर क्यों गए थे? ‘अयोध्या में कलह हुआ, रामलला 14 वर्ष के लिए बनवास गए और दुनिया के कलह को समाप्त कर घर लौटे। उन्होंने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हमको भी तप करना है, रामराज के जो सामान्य नागरिक का वर्णन है, हमें उसका आचरण करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज में कलह की आदत छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि करुणा, सेवा और परोपकार के लिए आगे बढ़े और अपने जीवन में लालच छोड़कर अनुशासन में रहने से रामराज आएगा।

[highlight color=”orange”]भव्य श्री राम मंदिर हेतु बहुसंख्यक समाज ने लड़ी लंबी लड़ाई : योगी आदित्य नाथ[/highlight]

उत्तरप्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी

समारोह में उत्तरप्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। उन्होंने कहा कि आज मन बहुत भावुक है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है। उन्होंने कहा कि हर मन में राम नाम है। उन्होंने कहा कि हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। उन्होंने कहा कि हर जुबान राम नाम जप रही है।उन्होंने कहा कि भारत का हर मार्ग रामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि भारत का हर मार्ग रामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समाज ने लंबी लड़ाई लड़ी। सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्षों के सुदीर्घ अंतराल के बाद आए प्रभु श्री रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर आज पूरा भारत भाव-विभोर और भाव विह्वल है। उन्होंने कहा कि श्री अवधपुरी में श्री रामलला का विराजना भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा है। उन्होंने कहा कि श्री रामकृपा से अब कभी कोई भी श्री अयोध्या धाम की पारंपरिक परिक्रमा को बाधित नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां की गलियों में गोलियां नहीं चलेंगी, सरयू जी रक्त रंजित नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में कर्फ्यू का कहर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यहां उत्सव होगा और श्री रामनाम संकीर्तन गुंजायमान होगा। उन्होंने कहा कि आज हर रामभक्त के हृदय में प्रसन्नता है, गर्व है और संतोष के भाव हैं। सीएम योगी ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि, संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि सदियों के बाद भारत में हो रहे इस चिरप्रतिक्षित नवविहान को देख अयोध्या समेत भारत का वर्तमान आनन्दित हो उठा है। मंदिर परिसर में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव ने भी संबोधित किया।

[highlight color=”pink”]राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी बधाई[/highlight]

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 जनवरी को पीएम नरेंदर मोदी को चिट्ठी लिखी। राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी को 22 जनवरी की अयोध्या यात्रा के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक पद्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कृत्य है और प्रभु श्री राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा। वही प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को धन्यवाद देते हुए लिखा कि अयोध्या धाम में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय विरासत एवं संस्कृति को और समृद्ध करने के साथ ही हमारी विकास यात्रा को नए उत्कर्ष पर ले जाएगा।

[highlight color=”red”]समारोह में यह अतिथि हुए शामिल[/highlight]

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर बनाने वाले श्रमजीवियों से मुलाकात की है। समारोह में दिग्गज बिजनेसमैन, बॉलीवुड और साउथ के कई सेलिब्रिटीज और संत उपस्थित रहे। समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना, रोहित शेट्‌टी, विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, शाहरुख खान, अभिषेक बच्चन, अनुपम खेर, अल्लू अर्जुन, रतन टाटा, वीरेंद्र सहवाग, रजनीकांत, चिरंजीवी, राम चरण, माधुरी दीक्षित, कंगना रणोट, रणबीर कपूर और पत्नी आलिया भट्ट, रणदीप हुड्डा और पत्नी लिन लैशराम, विक्की कौशल और पत्नी कटरीना कैफ, सिंगर सोनू निगम, हरिहरन, शंकर महादेवन, डायरेक्टर-प्रोड्यूसर सुभाष घई, राजकुमार हीरानी और मधुर भंडारकर, दिग्गज उद्योगपति रिलायंस ग्रुप के मुकेश अंबानी और पत्नी नीता, अनिल अंबानी, परिवार समेत बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला, गौतम अडाणी, एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल, मूर्तिकार अरुण योगीराज, एक्टर विवेक ओबेरॉय, सिंगर अनु मलिक, शंकर महादेवन, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वामी अवधेशानंद, अनिल कुंबले, गजेंद्र चौहान शाम, एक्टर रणदीप हुड्डा, सेफ संजीव कपूर, अभिनेता गजेंद्र चौहान, अनिल कुंबले, गुरिंदर सिंह ढिल्लो बाबा जी, एक्टर पवन कल्याण, भारत फोर्ज ग्रुप के चेयरमैन बाबा कल्याणी, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल सहित देश-विदेश से कई अतिथि शामिल हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!