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चरणजीत चन्नी को मिली बड़ी राहत : केपी, बिट्टू और चौधरी परिवार ने दिखाया रंग, जालंधर के कांग्रेसियों में ख़ुशी की लहर, पलटमार रिंकू सदमे में

जालंधर (हितेश सूरी) : ‘पंजाब में कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार पार्टी बदलने से कांग्रेस की स्थिति पंजाब में मज़बूत होती जा रही है’ यह बात लिखने में थोड़ी हास्यपद लगती है पर यदि गंभीरता से सारे दल बदलुओं की जनसमर्थता पर गौर किया जाएँ तो यह सब वह चेहरे दल बदल रहे जो वर्तमान में पार्षद का चुनाव जीतने में समर्थ नहीं है। जमीनी स्तर पर चाहे बिट्टू हो, चाहे केपी हो, चाहे बीबी करमजीत कौर चौधरी हो, इनके पास बिना पार्टी के अपने स्तर पर 1000 वोटें भी अपने शहर में इक्कठी करनी बेहद मुश्किल है। बहरहाल तीन पीढ़ियों तक कांग्रेस से लाभ लेने वाले और जी भर-भर के शिरोमणि अकाली दल को कोसने वाले शहीद दर्शन सिंह केपी के बेटे व कांग्रेस के विभिन्न पदों पर लाभ लेने वाले मोहिंदर सिंह केपी ने भी आज शिरोमणि अकाली दल (बादल) ज्वाइन करके अपनी विरासत को गहरी ठेस पहुंचा दी है। खबर है कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल आज दोपहर मोहिंदर सिंह केपी के आवास पर पहुंचे और उन्हें पार्टी की सदस्य्ता दिलवाने के साथ-साथ उन्हें जालंधर लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार भी घोषित किया। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के जालंधर लोकसभा सीट से उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के समर्थनहीन नकारा चेहरों से पहले ही परेशान चल रहे थे और राजनितिक पंडितों की मानें तो बीबी कर्मजीत चौधरी, तेजिंदर बिट्टू, मोहिंदर सिंह केपी जैसे नेताओं का दल बदल करना चरणजीत सिंह चन्नी के पक्ष में जाता दिखाई देता है। अगर कांग्रेस से आप और आप से भाजपा जाने वाले पलटमार सुशील रिंकू की स्थिति देखी जाएँ तो बेहद दयानीय है। बड़ी बात करें तो पंजाब में सत्ताधारी पार्टी को रिंकू-अंगुराल ने ऐसे रंग दिखाएँ है, जिससे आप पार्टी को जालंधर से 20-22 किलोमीटर दूर अकाली दल के हारे हुए पवन टीनू को जालंधर से चुनावी मैदान में उतारना पड़ा है। राजनितिक पंडितों की मानें तो पार्टियों के ग्राफ समझ से बाहर है।

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