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⚫एक युग का अंत : राजनीति के बाबा बोहड़ स. प्रकाश सिंह बादल पंचतत्व में विलीन, हज़ारो नम आंखों ने दी भावभीनि श्रद्धांजलि
⚫स्मृतियों के झरोखे में देखें बादल साहब का जीवन

Parkash Singh Badal cremated with full state honour at ancestral village in Punjabजालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : पंजाब की राजनीति के बाबा बोहड़ प्रकाश सिंह बादल आज पंचत्तव में विलीन हो गए है। मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल में पूरे सम्मान के साथ बादल साहिब का अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र सुखबीर बादल ने उन्हें मुखाग्नि दी। गांव के शमशानघाट में जगह कम होने के कारण उन्हें खुद के बाग में ही मुखाग्नि दी गई। पुलिस की स्पेशल टुकड़ी ने 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को अंतिम सलामी दी।May be an image of 3 people and textश्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, पंजाब के सीएम भगवंत मान, पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एन. सी.पी प्रमुख शरद पवार, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, डा. बलजीत कौर, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी, वरिष्ठ अकाली नेता आदेश प्रताप सिंह कैरों व अन्य पहुंचे।May be an image of 6 people and textवहीं इस गमगीन माहौल में मौजूद लोगों ने प्रकाश सिंह बादल अमर रहे के नारे लगाए। गांव बादल के लोगों का कहना है कि जिस जगह प्रकाश सिंह बादल का दाह-संस्कार किया जा रहा है, वहीं प्रकाश सिंह बादल की स्मारक भी बनाई जाएगी। यह स्मारक आने वाली पीढ़ी के लिए बनाई जा रही है, ताकि वह प्रकाश सिंह बादल के जीवन से प्रेरणा ले सकें। प्रकाश सिंह बादल के अंतिम संस्कार के लिए 2 एकड़ जगह खाली कराई गई है।PM Modi pays last respects to Akali Dal patriarch Parkash Singh Badal | Latest News India - Hindustan Timesगौरतलब है कि पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की पार्थिव देह को बुधवार को अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 28 स्थित अकाली दल के दफ्तर में रखा गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतिम दर्शन व श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सुखबीर बादल से कहा कि उनके पिता को श्रद्धांजलि देना उनका फर्ज था।पीएम मोदी के अलावा यहां हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्‌टर, विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व CM राजिंदर कौर भट्‌टल, डीजीपी गौरव यादव, सुनील जाखड़, सांसद परनीत कौर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व विधायक केडी भंडारी समेत कई सियासी दिग्गज पहुंचे।

Badal's cremation Thursday, Punjab declares holidayबता दे कि चंडीगढ़ में अंतिम दर्शन के बाद प्रकाश सिंह बादल की पार्थिव देह को काफिले के रूप में उनके पैतृक गांव बादल ले जाया गया, जिस एंबुलेंस में उनका शव था, उसे बिक्रम सिंह मजीठिया चला रहे थे जबकि सुखबीर बादल भी उनके साथ बैठे थे। इस दौरान जगह-जगह पर अकाली वर्कर और उनके समर्थक मौजूद रहे। उन्होंने ‘प्रकाश सिंह बादल अमर रहे’ के नारे लगाते हुए फूलों से उन्हें अंतिम विदाई दी। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया था। पिछले कई दिनों से वह फोर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कई दिन पहले उन्हें आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी।Punjab News Live Updates: Parkash Singh Badal cremated with full state honours - The Times of Indiaवही उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो चुका है। बादल साहिब ने 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन राजनीतिक करियर में पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वह सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की।PM Modi wishes speedy recovery to Parkash Singh Badal1969-70 तक वह पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वह 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वह सांसद भी चुने गए। वही 2007 से 2017 तक बादल साहिब दो बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री बने।May be an image of 2 people

यादें : पूर्व मुख्यमंत्री स्व. स. प्रकाश सिंह बादल के साथ वर्ष 1994 से एक चुनावी रैली में बातचीत करते हुए न्यूज़ लिंकर्स के सम्पादक योगेश सूरी l

वहीं 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वह सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने। प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना के जाट सिख परिवार में हुआ था। प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का भी देहांत हो चुका है।

 

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