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जालंधर (हितेश सूरी) : बाल रोग और नवजात शिशु विशेषज्ञ डॉ निखार महाजन (टैगोर अस्पताल एवं हार्ट केयर सेंटर) ने कि वर्तमान लगातार बढ़ती सर्दी में बच्चों व बजुर्गो के स्वास्थ्य के प्रति सजगता रहने का परामर्श देते हुए कहा कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दोनो को खांसी-जुकाम, उनकी त्वचा ज्यादा ड्राई और रफ हो सकती है। ऐसे में शरीर मे लाल चक्कते, खुजली,पेप्सी बनने की समस्या शुरू हो जाती है। सर्दियों के मौसम में बच्चों ज्यादा कपड़ो की बजाय उचित कपड़े पहनाने चाहिए। हाथो,पैरो और कानो पर लगने वाली हवा के बचाव के लिए हाथो मे दस्ताने,पैरो में जुराब, सिर पर टोपी जो कानो को भी ढक़े जरूर पहननी चाहिए। साफ, साफ्ट कपड़े पहनाने चाहिए। नवजात बच्चों की इम्युनिटी को ध्यान में रखते हुए उनकी सर्दियों में बच्चे की हल्के गुनगुने तेल की मालिश ज़रूर करें। इससे मांसपेशियां सुदृढ़ होंगी ही, साथ ही बच्चों का शरीर गर्म भी रहता है। रक्त संचार में भी सुधार होता रहता है।
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डा. निखार महाजन ने बताया कि स्तनपान से बच्चे को भरपूर पोषण मिलता है, इससे बच्चा सर्दी में जल्दी बीमार नही पड़ता। घर को गर्म रखने के साथ साथ एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल लाभदायक रहता है। सोते हुए बच्चे के ऊपर कई सारे कंबल या रज़ाई डालने की जगह कमरे को गर्म रखते हुए हल्का कंबल ओढ़ाना चाहिए। सर्दी की वजह से बच्चे को पेट दर्द हो या फिर पेट साफ नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर का परामर्श अवश्य लेना चाहिए। उन्होने बताया कि सर्दी में भूल से भी बच्चे को ठंडी, बासी चीज़ें नही देनी चाहिए। स्तनपान करवाने वाली मातायो को भी इसका विशेष ध्यान रखे। मौसम के अनुरूप फल और सब्जियां लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पौष्टिक भोजन में बादाम, काजू, किशमिश भी शामिल कर सकते हैं। सर्दी में धूप का विशेष महत्व है, पर नवजात बच्चों को सुबह और शाम हवा से बचाव आवश्यक है।