अमृतपाल को लेकर असम रवाना हुई पंजाब पुलिस, 36 दिन बाद हुई गिरफ्तारी
अमृतपाल को गिरफ्तार करने जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने खुद सरेंडर किया : जसबीर सिंह रोडे
पंजाब में हाई अलर्ट जारी
जालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : अजनाला थाना कांड के मुख्य आरोपी व खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को आज 36 दिनों के बाद पंजाब पुलिस ने मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारा साहिब से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अरेस्ट कर लिया है। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन से लेकर उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोगा में काफी तनाव है, ज़िलें में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल शनिवार रात को रोडे गांव पहुंचा था। आज सुबह गिरफ्तारी से पहले उसने गुरुद्वारे के ग्रंथी से पांच ककार (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) लेकर पहने और प्रवचन के जरिए लोगों को संबोधित किया। गौरतलब है कि जिस रोडे गांव से अमृतपाल को पकड़ा गया है, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं अमृतपाल की दस्तारबंदी हुई थी। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था, इसके लिए रविवार का दिन चुना गया था। अमृतपाल के करीबियों ने ही पंजाब पुलिस को उसके सरेंडर प्लान के बारे में बताया था। पुलिस को आशंका थी कि भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ सकता है। लिहाजा पुलिस टीम सादे कपड़ों में पहुंची और सुबह ही उसे गिरफ्तार कर लिया।
पंजाब पुलिस के IG हेडक्वार्टर डा. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पुलिस ने 35 दिन से दबाव बनाया था, इंटेलिजेंस विंग को इनपुट थी। उन्होंने कहा कि अमृतपाल को नाका लगाकर घेरा गया था। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर अमृतपाल था। उन्होंने कहा कि मर्यादा को देखते हुए पुलिस अंदर नहीं गई और अमृतपाल सिंह को बाहर आने के लिए कहा गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। वही रोडे गांव गुरुद्वारे में प्रवचन के दौरान अमृतपाल सिंह ने कहा कि यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। अमृतपाल ने कहा कि उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं और एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वह सब सभी ने देखा है। अमृतपाल ने कहा कि अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे और हम सहयोग करते। अमृतपाल बोला कि दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं, लेकिन सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। अमृतपाल ने आगे कहा कि एक महीने बाद फैसला किया कि इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे और जो झूठे केस हैं उनका सामना करेंगे। अमृतपाल सिंह ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है। गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल के पिता और मां ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल से संपर्क में नहीं थे। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि बेटे ने सरेंडर किया और अब सरकार ने जिन्हें नाजायज पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ में अमृतपाल से मिलने जाएंगे। पुलिस सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन यानी 14 अप्रैल को सरेंडर करना चाहता था। उसने बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में सरेंडर की प्लानिंग की थी। पंजाब पुलिस को इसका पता चलने पर दमदमा साहिब में सुरक्षा कड़ी कर दी थी। इसके बाद वह 22 अप्रैल को रोडे गांव पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अमृतपाल पर NSA के तहत केस दर्ज है। वह पिछले 36 दिन से फरार था। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वह फरार हो गया था। इस बार रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अमृतसर के SSP सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के IG रविवार सुबह ही गांव रोडे के गुरूद्वारे में पहुंच गए थे। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने सुबह ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे व अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि अमृतपाल सिंह शनिवार रात को रोडे गांव में आए थे। रोडे ने कहा कि मुझे पुलिस से पता लगा कि वह आज गिरफ्तारी दे रहे हैं, गिरफ्तारी से पहले मैं उनसे मिला। जसबीर रोडे ने कहा कि अमृतपाल ने मुझसे कहा कि वह गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद संगत को संबोधित करेंगे और खुद ही संगत को पूरे हालात के बारे में बताएंगे और मर्जी से गिरफ्तारी देने की बात कहूंगा,18 मार्च को फरार होने के बाद 36 दिनों तक गिरफ्तारी न देने के क्या कारण रहे, यह भी खुद बताऊंगा। रोडे के अनुसार सुबह अमृतपाल ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका और पाठ किया और फिर अपनी किट तैयार की, चोला और परना पहना, चप्पलें ली और तैयारी के बाद वह गुरुद्वारे गए और वहां लोगों को गिरफ्तारी में देरी का कारण बताया और उसके बाद बाहर निकलकर गिरफ्तारी दी। रोडे ने कहा कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने खुद सरेंडर किया है। अगर पुलिस पकड़ती तो फिर वह संगत को संबोधित कैसे करते?।