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खालिस्तानी कमांडो फोर्स का फरार आतंकी परमिंदर राणा काबू : जालंधर पुलिस को मिली बड़ी सफलता; रिमांड पर लिया

जालंधर (योगेश सूरी) : 1984 आतंकवाद के काले दौर में जालंधर में सक्रिय रहे कुख्यात खालिस्तानी आतंकी परमिंदर सिंह राणा को सिटी पुलिस ने 36 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा का राइट हैंड था। सिटी पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर आतंकी को जालंधर के कस्बा आदमपुर के पास से शनिवार को दोपहर गिरफ्तार किया। आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। 57 साल का आतंकी राणा गांव डींगरियां में छिपा बैठा था। बता दें कि इससे पहले आतंकी को तब पकड़ा गया था, जब उसकी उम्र महज 17 साल की थी। राणा का कल भी उसी थाने की पुलिस ने पकड़ा, जिस थाने की पुलिस ने उसे 17 साल की उम्र में पकड़ा था।ब ता दें कि केसीएफ आतंकवाद के समय में काफी सक्रिय गिरोह था। उक्त आतंकी संगठन ने आतंकवाद के समय में अपने नाम की टिकट तक जारी की हुई थी। इसके सरगना परमजीत सिंह पजवड़ की पाकिस्तान में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। आंतकवाद के दौरान आतंकीराणा से एक लोडिड इटालियन स्टेन गन मिली थी। राणा पर आतंकवाद के दौरान आठ केस दर्ज हुए थे। इनमें से एक यही केस पेंडिंग था। नाबालिग होने के कारण राणा को बेल मिल गई थी। पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर दी थी। इस दौरान राणा बेल जंप कर गया था।कोर्ट ने 4 मई 1988 को राणा को भगोड़ा घोषित कर दिया था। आदमपुर में रहती फैमिली राणा समेत अंडरग्राउंड हो गई थी। राणा ने माना कि उसकी फैमिली उसे राजस्थान ले गई थी। वहां पर जमीन खरीदकर खेती शुरू कर ली थी।चीफ सुक्खा सिपाही के एनकाउंटर के बाद उसने पंजाब से एक तरह से नाता तोड़कर राजस्थान में रहना शुरू कर दिया था। लंबे समय बाद वह गांव लौट आया था। उसके काले अतीत को कम लोग ही जानते थे। केसीएफ का चीफ रहा सुखदेव सिंह पंजाब में बतौर सिपाही काम कर रहा था। मगर उसने खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले के प्रभाव में आकर पंजाब पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और फिर आतंकी मड्यूल के साथ काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद केसीएफ का चीफ बना तो लोग सुखदेव सिंह को जरनल लाभ सिंह उर्फ सुक्खा सिपाही के नाम से जानने लगे थे। 12 मई 1984 को सुक्खा सिपाही उस समय चर्चा में आया था, जब उसने वरिष्ठ पत्रकार व हिन्द समाचारपत्र समूह के रमेश चंद्र की नामदेव चौक में हत्या कर दी थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान स्वर्ण मंदिर में छिपे हुए सुखदेव सिंह को पकड़ लिया गया था। जिसके बाद स्थानीय कोर्ट परिसर में ब्लास्ट कर आतंकी को राणा और उसके साथियों द्वारा छुड़वा लिया गया था। मगर कुछ समय बाद पुलिस ने सुक्खा को एनकाउंटर में मार गिराया था।

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