⚫G-20 Vs खालिस्तानी : आज भारत पहुंच रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडन को देशद्रोही “पन्नू” की फरियाद लिखा- पंजाब खालिस्तान बना तो पाकिस्तान मजबूत होगा
⚫निज्जर व खंडा के बाद विरोधी गुटों के निशाने पर पन्नू
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जालंधर (योगेश सूरी) : आज भारत की राजधानी दिल्ली य पहुंच रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को लेकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू हताश हो रहा है l कुख्यात आंतकी पन्नू ने राष्ट्रपति बाइडन को पत्र लिख कर देश के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया है। इसके साथ-साथ आतंकी पन्नू ने अमेरिका राष्ट्रपति को पाकिस्तान का साथ देने के लिए भी कहा है।
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आतंकी पन्नू ने अमेरिका के राष्ट्रपति को पत्र लिख कर कहा कि वह अमेरिका स्थित सिख संगठन समूह “सिख फॉर जस्टिस” (SFJ) की ओर से लिख रहा है, जो पंजाब को स्वतंत्र देश बनाना चाहता है। अमेरिकी सिखों के भारी समर्थन वाले अमेरिकी संगठन के रूप में आपका ध्यान संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वाभाविक और विश्वसनीय सहयोगियों साउथ-एशिया पाकिस्तान व खालिस्तान की ओर आकर्षित करने के लिए लिख रहे हैं।
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पिछले 50 वर्षों की ऐतिहासिक घटनाओं के साक्ष्य यह स्थापित करते हैं कि भारत ने नहीं बल्कि पाकिस्तान ने हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन किया है। अफगानिस्तान में USSR के खिलाफ लड़ने या आतंक के खिलाफ युद्ध में, पाकिस्तान ने 80,000 से अधिक लोगों की जान US के समर्थन में गंवाई है।
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आतंकी पन्नू ने पत्र में भारत को अमेरिका का दुश्मन बताया और कहा- भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके लोगों के हितों के साथ विश्वासघात किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में, मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूस का पक्ष लिया है और प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ अरबों डॉलर का व्यापार कर रहा है। इस प्रकार रूस के युद्ध को पर्याप्त रूप से वित्त सहायता देकर अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।आतंकी पन्नू इस पत्र में पूरी तरह से पाकिस्तान के हक में बोल रहा है।
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पन्नू ने कहा कि पाकिस्तान के विश्वसनीय सहयोगी होने के कारण, यह निष्कर्ष निकलता है कि भारतीय शासित पंजाब के क्षेत्र में खालिस्तान का निर्माण अनिवार्य रूप से पाकिस्तान को मजबूत करेगा और अमेरिकी को बढ़ावा देगा।
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खालिस्तान बनने के बाद, पाकिस्तान की स्थिति मजबूत होगी और भारत का प्रभाव कम होने के साथ दक्षिण एशिया में अमेरिका के रणनीतिक हितों को सुरक्षित किया जाएगा। इसलिए पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने और खालिस्तान जनमत संग्रह के माध्यम से पंजाब को भारत से अलग करने का समर्थन करने का आग्रह करते हैं।