पंजाब में दो सीटों पर खालिस्तान समर्थक चुनाव मैदान में : खडूर साहिब से खालिस्तानी अमृतपाल सिंह तो संगरुर सीट पर खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत जीत सिंह मान लड़ेगें चुनाव
जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब में लोकसभा चुनाव दिन प्रतिदिन दिलचस्प होते जा रहे है l युवाओं व सिक्खों को अलग खालिस्तान की मांग करने पर उकसाने वाले दो कट्टर खालिस्तान समर्थकों ने सत्ता के लालच में भारत राष्ट्र की सम्प्रभुता में विश्वास प्रकट करते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
पंजाब की संगरुर सीट से खालिस्तान समर्थक व पूर्व सांसद के चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा के बाद अब खालिस्तान समर्थक व रासुका के अंतगर्त डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने अपने परिजनों के माध्यम से खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है l पंजाब में अजनाला थाना कांड के मुख्य आरोपी व पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियों में सलिंप्त अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने अमृतसर के हैरिटेज स्ट्रीट पर चल रहे मोर्चे में ये बात कही है। अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने बताया कि जेल से अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं, वे किसी पार्टी के साथ नहीं जुड़ेंगे और आजाद ही चुनाव लड़ेंगे।बलविंदर कौर ने दावा किया है की हलांकि जेल में बंद अमृपताल सिंह चुनाव लड़ना नहीं चाहता था। लेकिन संगत ने उसे चुनाव लड़ने के लिए कहा। जिसके बाद वे चुनाव लड़ने के लिए माना है। संगत चाहती है कि अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ कर जीते और उस पर NSA के तहत लगाए गए आरोपों को खत्म करवाया जाए।अमृतपाल सिंह की मां ने कहा कि संगत की मांग के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों ने हमें अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चुनाव का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया गया।चुनावी एजेंडे पर उन्होंने कहा कि यह सिख युवाओं पर ‘अत्याचार’ को रोकने, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को खत्म करने और ‘बंदी सिंहों’ की रिहाई पर केंद्रित होगा।चुनाव प्रचार के बारे में उन्होंने कहा कि भगवान के आशीर्वाद और संगत के समर्थन से इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी।अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने कहा कि वे दोषी नहीं है, बल्कि विचाराधीन कैदी है। यह उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोकता। चुनाव लड़ना उनका अधिकार है। इसके लिए वे जेल में रहते हुए भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। वहीं, अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने के लिए मानने पर उसके समर्थकों ने लड्डू भी बांटे।