जालंधर (योगेश सूरी) : ढिल्लों ब्रदर्स सुसाइड केस के आरोपी बर्खास्त SHO नवदीप सिंह द्वारा पुलिस की लगातार छापेमारी और चौतरफा दबाव के बीच एक-दो दिन में सरेंडर की संभावना जताई जा रही है l क्यास लगाया जा रहा है की SHO नवदीप सिंह अपने आप ही थाने में या फिर कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि सरेंडर से पहले इंस्पेक्टर नवदीप सिंह कोर्ट से राहत पाने के चक्कर में भी हैं।दूसरी तरफ SHO नवदीप सिंह के बचाव में उनकी पत्नी आगे आई थी l जिसने कल पहले अपने पति की बर्खास्तगी व दर्ज FIR के विरुद्ध कथित तौर पर धरना लगाने की भी घोषणा की थी पर बाद में उसने इसे कोरी अफवाह बता कर धरने की बात को नाकार दिया था l
यह भी देखें : New Twist in Dhillon Brothers Suicide Case : पति की बर्खास्तगी व दर्ज FIR के विरुद्ध SHO नवदीप की पत्नी लगाएगी धरना, दबाब के चलते सरेंडर की संभावना बढी
उनका कहना है कि राजनीतिक रंजिश के कारण उनके पति को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पति लापता हैं और इसकी उन्होंने शिकायत भी दर्ज करवा रखी है।बता दे की जालंधर के ढिल्लों ब्रदर्स मानवजीत और जश्नबीर सुसाइड मामले में दो दिन पहले जब इंस्पेक्टर नवदीप सिंह को नौकरी से DGP गौरव यादव के आदेश पर नौकरी से बर्खास्त किया गया था उसी दिन उनकी पत्नी सुखविंदर कौर सामने आई थीं।
उन्होंने बयान जारी किया था कि जिस व्यक्ति को दो बार मुख्यमंत्री मैडल मिला, अभी 15 अगस्त को बेस्ट ऑफिसर का अवार्ड मिला उसकी छवि को खराब करके पेश किया जा रहा है।सूत्रों की माने तो बर्खास्त SHO अपने कुछ खास वकीलों के माध्यम से कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाने की फिराक में है। माना जा रहा है की नवदीप कपूरथला कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर कर सकता है। कोर्ट का फैसला आने के बाद ही वह तय करेगा कि सरेंडर कहां करना है। बहरहाल पुलिस उसे लगातार ढूंढ रही है।ढिल्लों ब्रदर्स जिन्होंने 16 अगस्त को थाना डिवीजन नंबर 1 में फैमिली विवाद के दौरान तत्कालीन SHO नवदीप सिंह और उसके साथियों मुंशी बलविंदर सिंह और महिला कॉन्स्टेबल जगजीत कौर की तशद्दत से तंग आकर गोइंदवाल साहिब में ब्यास नदी में छलांग लगा दी थी। छलांग लगाने के वाले जश्नबीर का शव खेत में मिट्टी में दबा मिल गया था।लेकिन आज तक मानवजीत का शव बरामद नहीं हुआ है। मानवजीत का शव ढूंढने के लिए पहले गोताखोरों की मदद से भी प्रयास किए गए थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब ड्रोन की मदद से ब्यास नदी के किनारों पर मानवजीत का शव ढूंढा जा रहा है।