किसान आंदोलन में खालिस्तानीयो की एंट्री :आतंकी पन्नू ने बदला नारा बोला- दिल्ली चलो नहीं, फतेह करो; मोदी हाउस पर खालिस्तानी झंडा लगाओ
जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तानी समर्थक किसान आंदोलन की आड़ में आतंकी मूवमेंट को भी हवा देने की कोशिश में जुट गए हैं। जिक्र योग्य है की वर्ष 2021 में किसान आंदोलन को इन खालिस्तानी समर्थकों की एंट्री से ही ठेस पहुंची थी। बीते दिन भी शंभू बॉर्डर पर बंदी सिखों की रिहाई का नारा लेकर पहुंचे समर्थकों ने अमृतपाल सिंह को रिहा करो के नारे लगाने शुरू कर दिए थे।
अब सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की भी एंट्री हो गई है।आतंकी पन्नू ने अपना वीडियो जारी कर विवादित संदेश जारी कर दिया है। इस संदेश में खालिस्तानी पन्नू ने हिंदू व सिखों में भी फूट डालने की बात कही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकाया है।वीडीयो में आतंकी पन्नू ने कहा- पंजाब के किसानों को दिल्ली से मांगा आज तक कुछ नहीं मिला। जमीनें आपकी, फसलें आपकी और हकूमत हिंदुओं की दिल्ली से चल रही है। दिल्ली पर हमें कब्जा करना पड़ेगा। 13 फरवरी को दिल्ली फतेह करो, उससे मांगों नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छाती व घर पर खालिस्तान के झंडे लगा दो। याद करो दीप सिद्धू को जो मरने से पहले पंजाब को आजाद करवाने की बात कह गया था।आतंकी पन्नू ने ने आतंकवाद के दौर की भेंट चढ़े पंजाब के मृतक युवाओं का भी नाम लेकर खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने की कोशिश इस वीडियो में की है। उसने किसानों को भी इस खालिस्तानी मूवमेंट में जुड़ने को कहा है।जनवरी 2021 जब किसान आंदोलन पूरा जोर पकड़ चुका था, कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए थे। आमतौर पर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे। केंद्र सरकार के साथ बातचीत के दौर भी लगातार चल रहे थे।इसी दौरान सिंघु बॉर्डर पर कथित तौर पर खालिस्तानी कट्टरपंथी जनरैल सिंह भिंडरावाले के फोटो लहराते कुछ युवक दिखे और खालिस्तान के पक्ष में नारेबाजी की गई। ऐसी रिपोर्ट्स आने पर माहौल तनाव-पूर्ण हुआ। किसान आंदोलन पर सवाल उठने लगे, तो अंत में किसानों ने प्रदर्शन के खालिस्तान से कोई संबंध न होने की बात कह कर मसले को संभाला था।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू ?
गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले का रहने वाला है। जिसके गांव का नाम खानकोट है। इसका जन्म 14 फरवरी 1967 को एक साधारण पंजाबी परिवार में हुआ था। पन्नू के पिता मोहिंदर सिंह पंजाब राज्य कृषि विपणन बोर्ड के लिए काम करते थे। जबकि, पन्नू की मां का नाम अमरजीत कौर था।पन्नू का एक भाई भी है, जिसका नाम मगवंत सिंह पन्नू है, जो कि विदेश में ही रहता है। 1990 के दशक में पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वे अपने कॉलेज के दिनों से ही स्टूडेंट राजनीति में सक्रिय था। साल 1991-92 में पन्नू अमेरिका चला गया, जहां उसने कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यहां से पन्नू ने फाइनेंस में एमबीए की और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की।
पन्नू पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज
गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब में सिखों के लिए एक अलग राज्य बनाने की मांग करके सुर्खियां में आया था। साल 2007 में पन्नू ने सिख फॉर जस्टिस की स्थापना की थी। पन्नू को भारत सरकार ने साल 2020 में आतंकवादी घोषित कर दिया।इससे पहले गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को UAPA के तहत ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। पन्नू पर बीते साल भी एयर इंडिया को उड़ाने की धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। NIA ने उसकी जमीन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 51 ए के तहत जब्त कर लिया गया था। पन्नू पर वर्तमान समय में 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।