आतंकी पन्नू की काली परछाई अब सिख सैनिकों पर : Video डाल उगला जहर; प्रधानमंत्री को रोकने पर 5 लाख डॉलर का लालच, देशद्रोह के लिए उकसाया
जालंधर (योगेश सूरी) : 15 अगस्त नजदीक आते ही कुख्यात खालिस्तानी और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर सक्रिय हो गया है। पन्नू ने इस बार अपनी काली परछाई सिख सैनिकों पर डालने का प्रयास किया है। अपने आंतकी मंसूबों को पूरा करने के लिए पन्नू ने सिख सैनिकों को पैसों का लालच देकर देशद्रोह करने की सलाह दी है।विदेश में दुम दबा कर छिपे बैठे खालिस्तानी पन्नू ने विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर एक नया वीडियो वायरल किया है। सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो में कहा है कि सिख सैनिकों, यह भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है। लेकिन आप, आपका परिवार, सिख आजाद नहीं हैं और अभी भी गुलाम हैं। पन्नू ने कहा कि सिख सैनिकों को 1984 को नहीं भूलना चाहिए, स्वर्ण मंदिर पर हमला हुआ था और सिखों का नरसंहार हुआ था। आज भी दिल्ली में सिखों की विधवा कॉलोनी है। सिखों की पगड़ी और टोपी और भगवा और खाकी में यही फर्क है। अगर सिख सैनिक स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा जलाते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकते हैं, तो उन्हें 5 लाख डॉलर दिए जाएंगे। देश विरोधी गतिविधियों के बाद आतंकी घोषित पन्नू लगातार देश और पंजाब में आतंक फैलाने की कोशिश करता रहा है। कभी यह आतंकी पंजाब के युवाओं को भड़काने की कोशिश करता रहा है तो कभी जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम समुदाय को।
विदेशी धरती पर आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मारे जाने के बाद पन्नू लगातार देश के प्रधानमंत्री और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बना रहा है। पन्नू कई बार देश के विभिन्न शहरों में गुप्त रूप से देश विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखकर आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर चुका है। भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था।